पेयजल निगम में उत्पीड़न के खिलाफ कर्मचारियों का विरोध, मुख्यालय के खिलाफ खोला मोर्चा

पेयजल निगम में इन दिनों जल जीवन मिशन से लेकर नमामि गंगे के कार्यों में लगे अभियंताओं और कार्मिकों के विरुद्ध निगम प्रबंधन की कार्रवाई चल रही है। जिसे उत्पीड़न करार देते हुए कार्मिकों ने निगम मुख्यालय के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया है। मुख्यालय पर एक तरफा कार्रवाई कर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कार्मिक मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं। उत्तराखंड डिप्लाेमा इंजीनियर्स संघ पेयजल निगम की ओर से मुख्य अभियंता और प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई है। वहीं, अधिकारी कर्मचारी समन्वय समिति पेयजल निगम उत्तरकाशी ने भी उत्पीड़न का आरोप लगाया है। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने हाल ही में बैठक कर मुख्यालय के रवैये पर सवाल उठाए। पदाधिकारियों की ओर से कड़ा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में कार्यों की अधिकता एवं विविधता के कारण निर्धारित समय से ज्यादा कार्य करने के बावजूद लक्ष्यों की प्राप्ति संभव नहीं हो पा रही है।
जिसका मुख्य कारण यह है कि लक्ष्य ही इस प्रकार से निर्धारित हो रहे हैं कि जिनकी पूर्ति ही संभव नहीं है। जबकि उल्लेखनीय है कि विगत कई वर्षों की तुलना में वर्तमान में अत्यधिक कार्य संपादित किए गए हैं। इसके बावजूद जल जीवन मिशन से लेकर नमामि गंगे आदि केंद्र सरकार की परियोजनाओं के कार्यों का नकारात्मक प्रचार करते हुए अभियंताओं पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। आरोप लगाया कि मुख्यालय से अभियंताओं को कार्रवाई और परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही है। बिना जांच और पुख्ता सबूतों के यदि किसी अभियंता के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई की जाती है तो संघ की ओर से व्यापक आंदोलन किया जाएगा। जिसके लिए मुख्यालय के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

अग्रिम भुगतान पर कार्रवाई को लेकर उत्तरकाशी के कार्मिक मुखर
अग्रिम भुगतान को लेकर उत्तरकाशी की परियोजनाओं में तैनात कार्मिकों पर की जा रही कार्रवाई का भी विरोध शुरू हो गया है। कार्मिकों ने मुख्यालय पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अनावश्यक कार्रवाई पर रोष जताया है। उन्होंने मुख्यालय स्तर से गोपनीय कार्रवाई की सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित होने पर भी सवाल खड़े किए हैं। अधिकारी कर्मचारी समन्वय समिति पेयजल निगम उत्तरकाशी ने शाखा के संबंध में इसे पूर्वाग्रह से ग्रसित कार्य बताया। जल जीवन मिशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को ससमय पूर्ण करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करवाने के लिए शाखा की ओर से कार्यों को तीव्र गति देने के लिए ठेकेदारों को सामग्री के सापेक्ष धनराशि दी गई, जिसके अधिकांश धनराशि का समायोजन देयकों से कर लिया गया है व शेष धनराशि राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन देहरादून कार्यालय से लिमिट जारी होने के बाद समायोजित हो जाएगी। जबकि, खुद मुख्यालय के अधिकारियों की ओर से पूर्व में चमोली, रुद्रप्रयाग आदि जिलों में किए गए कार्यों में भी भारी भरकम धनराशि ठेकेदारों को दे दी गई।