केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा में अभी समय लग सकता है। गुरुवार को नई दिल्ली में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में हुई प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशी चयन के लिए दो या तीन नाम का पैनल बनेगा। कांग्रेस की नजरें भाजपा प्रत्याशी की घोषणा पर टिकी हैं।
उपचुनाव में जीत की संभावनाओं काआकलन करते हुए भाजपा के असंतुष्ट पर भी दांव खेलने पर मंथन हुआ। फिलहाल पार्टी की रणनीति वेट एंड वाच की है।
केदारनाथ उपचुनाव में प्रत्याशी के चयन के संबंध में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के बुलावे पर गुरुवार को नई दिल्ली में बैठक में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पर्यवेक्षकों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, विधायक वीरेंद्र जाति एवं लखपत सिंह बुटोला ने भाग लिया। कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल, प्रदेश सह प्रभारी परगट सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। बैठक में पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श हुआ। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी अपने विचार साझा किए। सभी ने एकमत होकर पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर दो या तीन नाम का पैनल तैयार करने पर बल दिया। शीघ्र ही यह पैनल स्क्रीनिंग कमेटी को प्रस्तुत किया जाएगा। जिसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी और हाईकमान के स्तर पर प्रत्याशी घोषित किया जाएगा।
सैलजा ने अपने कार्यालय की त्रुटि बताकर किया मामला शांत
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से सीधे प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को भेजने पर आपत्ति जताई। प्रदेश प्रभारी ने इसे अपने कार्यालय की गलती मानते हुए इस प्रकरण को तूल नहीं देने की अपेक्षा करते हुए यह मामला शांत किया। इससे पहले गत 22 अक्टूबर को प्रभारी सैलजा की ओर से आहूत वर्चुअल बैठक में भी यह विषय उठा था। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और वरिष्ठ पर्यवेक्षक गणेश गोदियाल के बीच बहस भी हुई थी। गुरुवार को प्रभारी के हस्तक्षेप के बाद दोनों नेताओं ने बैठक के बाद एकदूसरे से मिलकर एकजुटता का संदेश भी दिया।
हरक बताएं, उपचुनाव लड़ना चाहते हैं या नहीं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि बैठक में मौजूद सभी साथियों ने खुलकर अपने विचार रखे। प्रदेश प्रभारी और सहप्रभारी को केदारनाथ विधानसभा की जमीनी हकीकत और समीकरण से अवगत कराया गया, ताकि एक मजबूत प्रत्याशी को चुनाव में उतारा जा सके। पर्यवेक्षक दल की रिपोर्ट में केदारनाथ उपचुनाव में प्रत्याशी के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का नाम सम्मिलित नहीं है। यह अलग बात है कि बैठक में उनकी दावेदारी पर भी विचार हुआ। यह कहा गया कि दावेदारी को लेकर पहले हरक सिंह रावत को स्वयं यह स्पष्ट करना होगा कि वह उपचुनाव लड़ना चाहते हैँ या नहीं।
You may also like
-
चुनाव ड्यूटी में लगेंगे 30 हजार कर्मचारी और 18 हजार सुरक्षाकर्मी, सॉफ्टवेयर तैयार
-
बूंदाबांदी ने मैदानों में बढ़ाई सर्दी पहाड़ों में हिमपात, आज भी बारिश व बर्फबारी के आसार
-
प्रदेश में 23 जनवरी को होंगे निकाय चुनाव, आचार संहिता लागू, पढ़ें ये बड़े अपडेट
-
दिल्ली रूट पर यात्रियों की परेशानी दूर करने के लिए सीएम धामी का एक्शन प्लान, बढ़ेंगे वोल्वो के फेरे
-
ग्रामीण पर्यटन पर केंद्र सरकार का जोर, उत्तराखंड ने भी बढ़ाए कदम; चुने ये 18 गांव