केदारनाथ पैदल मार्ग पर बुधवार रात बादल फटने और अतिवृष्टि से हुए भूस्खलन में 16 लोगों के लापता होने की सूचना है। इनके स्वजन ने पुलिस को यह जानकारी दी है। उनका कहना है कि घटना के बाद से इन लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा। वहीं करीब एक हजार यात्री धाम में फंसे हुए हैं। राहत बचाव कार्य शुक्रवार को भी जारी रहा। पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डा. विशाखा भदाणे ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उनकी खोजबीन की जा रही है। हालांकि, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने कहा कि ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है। इस बीच वर्षाजनित अन्य हादसों में पिछले 24 घंटे में प्रदेशभर में 11 लोगों की मौत हुई, जबकि एक लापता है। उत्तराखंड में बारिश के कारण अधिकांश नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। पर्वतीय मार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन होने और पहाड़ी से मलबा व पत्थर गिरने से जोखिम बढ़ गया है। कई गांवों में बिजली और पानी की लाइन टूटने से आपूर्ति बाधित है।
दो स्थानों पर बादल फटने से भूस्खलन
केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली और भीमबली के बीच दो स्थानों पर बादल फटने से भूस्खलन हो गया था। इससे पैदल मार्ग कई जगह ध्वस्त हो गया। मंदाकिनी नदी के तेज बहाव में रामबाड़ा के दो पुल बह गए। एक गोदाम और गौरीकुंड में चार ढाबे भी बहे हैं। पैदल यात्रा मार्ग पर स्थानीय लोग इन दिनों कारोबार करते हैं। आशंका जताई जा रही है कि लापता लोग इन्हीं में से हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कोई भी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि लोगों से मिली सूचना के आधार पर दिनभर खोजबीन की गई, मगर अब तक किसी का पता नहीं चला है। इस बीच केदारनाथ हाईवे और पैदल मार्ग ध्वस्त होने से केदारनाथ यात्रा गुरुवार को स्थगित रही। दिनभर में विभिन्न पड़ावों पर फंसे 4,000 से अधिक तीर्थ यात्रियों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इनमें 700 तीर्थयात्री हेलीकाप्टर से रेस्क्यू किए गए। इसके लिए पीएमओ ने मदद का हाथ बढ़ाते हुए वायुसेना के मालवाहक हेलीकाप्टर चिनूक और एमआइ- 17 भेजे हैं, जो गौचर हेलीपैड पर पहुंच गए हैं।
इस दौरान तीर्थ यात्रियों 5,000 फूड पैकेट वितरित किए गए। मंदाकिनी नदी के उफान को देखते हुए सोनप्रयाग व गौरीकुंड में नदी किनारे बने होटल-लाज खाली करवा दिए गए हैं। ऋषिकेश और हरिद्वार में यात्रा पंजीकरण बंद रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टिहरी के आपदाग्रस्त जखन्याली और रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया।
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