उत्तराखंड में पर्यटकों की पार्किंग की समस्या खत्म, धामी सरकार ने कर दिया प्रबंध… पार्क हो सकेंगे 15 हजार से अधिक वाहन

पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड में पर्यटकों व तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत सड़कों पर जाम की समस्या से निपटने के लिए सरकार अब वाहनों की पार्किंग सुविधा विकसित करने पर विशेष जोर दे रही है। इस क्रम में विभिन्न विकास प्राधिकरणों के माध्यम से राज्य में 183 स्थानों पर पार्किंग स्थल बनाए जा रहे हैं, जिनमें 15 हजार से अधिक वाहनों की पार्किंग हो सकती है। पहली बार राज्य में पर्वतीय क्षेत्र के नौ स्थानों पर टनल पार्किंग भी तैयार की जा रही हैं।

पर्यटन स्थलों में जाम की दिक्कत से चुनौतियां
प्रदेश में ऑल वेदर रोड, एक्सप्रेस वे और स्टेट हाईवे को नेशनल हाइवे में उच्चीकृत करने के साथ ही पीएमजीएसवाई के माध्यम से रोड कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। इससे पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को सुविधा मिली है। चारधाम के साथ ही पर्यटन सीजन में उमड़ने वाली भीड़ इसका उदाहरण है। इसके साथ ही प्रमुख तीर्थस्थलों, शहरों व पर्यटन स्थलों में जाम की दिक्कत ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं। इससे पार पाने के लिए उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के माध्यम से विभिन्न विकास प्राधिकरण 183 स्थलों पर 15857 वाहन क्षमता की पार्किंग सुविधा विकसित कर रहे हैं।

34 स्थलों में 2102 वाहनों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध
वर्तमान में 34 स्थलों में 2102 वाहनों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। 47 पार्किंग स्थलों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जबकि शेष में विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई चल रही है। ऋषिकेश व देहरादून में ही दो हजार वाहनों की पार्किंग सुविधा विकसित की जा रही है। उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार पर्वतीय क्षेत्र में भूतल व मल्टीस्टोरी पार्किंग के लिए भूमि के संकट को देखते हुए पहली बार टनल पार्किंग का विकल्प आजमाया जा रहा है। नौ स्थलों में 10 टनल पार्किंग पर काम चल रहा है।

यहां बन रही टनल पार्किंग
बागेश्वर, लक्ष्मणझूला, ऊखीमठ, कैंपटीफल, नैनबाग, तपोवन, उत्तरकाशी, यमुनोत्री मार्ग (उत्तरकाशी) व नैनीताल (दो स्थान)