विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस ने रविवार को अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी। भाजपा ने अनुभव व धरातलीय पकड़ के आधार पर केदारनाथ से दो बार विधायक रह चुकी आशा नौटियाल को प्रत्याशी घोषित किया। इससे पहले रविवार को दोपहर में पर्यवेक्षक दल की रिपोर्ट और वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति को आधार बनाकर कांग्रेस ने केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत पर दांव खेला। दोनों प्रत्याशी सोमवार को नामांकन करेंगे। केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव होना है। भाजपा विधायक शैलारानी के निधन से यह सीट रिक्त हुई है। ऐसे में पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़ी इस सीट पर प्रत्याशी को लेकर भाजपा ने देर रात पूर्व विधायक आशा नौटियाल के नाम की घोषणा की। यद्यपि, दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्य रावत समेत अन्य दावेदार भी दौड़ में थे, लेकिन पार्टी ने आशा नौटियाल के नाम पर मुहर लगाई। कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत को उम्मीदवार बनाया है। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर गत 24 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में चर्चा हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्रीय चुनाव समिति की संस्तुति पर मनोज रावत के नाम पर मुहर लगाई।
अनुभव व धरातल पर पकड़ ने आसान की आशा की राह
भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ी विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव के लिए प्रत्याशी को लेकर लंबे मंथन के बाद पार्टी ने आखिरकार देर रात तस्वीर साफ कर दी। केदारनाथ से दो बार विधायक रह चुकीं आशा नौटियाल पर पार्टी ने भरोसा जताया है। लंबे राजनीतिक अनुभव व धरातल पर मजबूत पकड़ के साथ ही पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे ने उनकी राह को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विधानसभा की केदारनाथ सीट भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के कारण रिक्त हुई है। हाल में संपन्न मंगलौर व बदरीनाथ सीटों के उपचुनाव में भाजपा को सफलता नहीं मिली थी। यद्यपि, यह पहले भी भाजपा के पास नहीं थीं, लेकिन केदारनाथ के मामले में ऐसा नहीं है। यही नहीं, बदरीनाथ सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी कैडर के बीच से असंतोष के सुर भी उभरे थे। इस सबके मद्देनजर पार्टी ने केदारनाथ उपचुनाव के लिए सभी पहलुओं पर गंभीरता से मंथन किया। रविवार को दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व ने सभी समीकरणों पर विमर्श के साथ ही प्रांतीय नेतृत्व से बातचीत के बाद केदारनाथ सीट से पूर्व विधायक आशा नौटियाल को प्रत्याशी बनाने पर मुहर लगाई। यद्यपि, दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्य रावत के अलावा वर्ष 2017 व 2022 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके कुलदीप सिंह रावत भी दौड़ में थे, लेकिन पार्टी ने पूर्व विधायक आशा नौटियाल के लंबे राजनीतिक अनुभव, क्षेत्र में मजबूत पकड़ के अलावा चार बार कराए सर्वे रिपोर्ट को देखते हुए उन पर भरोसा जताया।
नामांकन में मौजूद रहेंगे मुख्यमंत्री समेत अन्य नेता
भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल सोमवार को दोपहर 12 बजे नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के अनुसार नामांकन के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गढ़वाल सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यत कुमार गौतम व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व तीरथ सिंह रावत, रुद्रप्रयाग जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा उपस्थित रहेंगे। नामांकन के बाद दोपहर साढ़े 12 बजे जीआइसी ऊखीमठ के मैदान में जनसभा भी होगी।
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