मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय गैरसैंण दौरे पर हैं। गुरुवार को वह मॉर्निंग वॉक पर निकले। और इस दौरान लोगों से मिलकर उन्होंने विकास कार्योंं का फीडबैक लिया। सीएम ने विधानसभा, भराड़ीसैंण में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों को कार्यों में तेज़ी लाने और गुणवत्तापूर्ण कार्य पर विशेष ध्यान देने हेतु निर्देश दिए। सीएम धामी ने कहा कि विधानसभ, भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में हमारी सरकार सड़क और हवाई कनेक्टिविटी के माध्यम से इस संपूर्ण क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इस दौरान स्थानीय लोगों से भेंट कर प्रशासन द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का फीडबैक एवं सुझाव भी लिए। बुधवार को शासन के उच्चाधिकारियों की टीम के साथ मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण विस में पलायन और भू-कानून पर मंथन किया। चर्चा में सीएम ने कहा, राज्य सरकार भू-कानून को लेकर अत्यंत गंभीर है। प्रदेश में लागू होने वाले भू-कानून को जन भावनाओं के अनुरूप बनाए जाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। एसडीएम और तहसीलदार स्तर पर भी भू-कानून को लेकर जनता से सुझाव लिए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सशक्त भू-कानून का ड्राफ्ट स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं और विकास के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। सीएम ने राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला में भाग लिया। पहली बार सरकार सशक्त भू-कानून के ड्राफ्ट पर भराड़ीसैंण विधानसभा में मंथन करने पहुंची। सीएम की घोषणा के अनुसार भराड़ीसैंण में ही बजट सत्र के दौरान सरकार यहां विधानसभा में सशक्त भू-कानून का विधेयक पेश करेगी।
पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए विधानसभा परिसर में हुई पलायन निवारण आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ से पलायन रोकने के लिए अल्प, लघु और दीर्घकालिक योजनाएं बनेंगी। राज्य सरकार पलायन की समस्या को लेकर गंभीर है और इसे रोकने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रही है। उन्होंने पलायन से खाली हो रहे गांवों को गोद लेने के संकेत भी दिए। बैठक में बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पहाड़ों पर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन करने पर जोर दिया गया। सीएम ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आधारभूत ढांचे के विकास के लिए निरंतर कार्य हो रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। पलायन निवारण आयोग की ओर से दिए जा रहे सुझावों को अमल में लाने के लिए संबंधित विभागों के माध्यम से ठोस कार्ययोजना बनाई जा रही है।
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